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Monday 4 April 2016

Mot k baad bhi sawab kamae

मौत के बाद भी सवाब कमाने के 7 आसान तरीके
(1)= किसी को एक क़ुरान पाक ले के दो वो जब भी पढ़ेगा आप को सवाब मिलेगा
(2)= एक व्हीलचेयर किसी हॉस्पिटल को दो जब भी कोई मरीज़ इस्तेमाल करेगा आप को सवाब
(3)= मस्जिद की तामीर में हिस्सा लो हमेशा का सवाब
(4)= किसी पब्लिक जगह वाटर कूलर लगा दो हर लम्हा सवाब
(5)= एक दरख़्त लगा दो उस के साये में कोई इंसान या जानवर बैठेगा या खायेगा तो आप को सवाब
(6)= अपनी औलाद को हाफिज.ए.क़ुरान बना दो जब वो पड़ेगा आप को सवाब
( 7)= सब से आसान ये है के ये बात दुसरो को बताओ किसी एक ने भी अमल किया तो आप को सवाब.

Mot k baad bhi sawab kamae

मौत के बाद भी सवाब कमाने के 7 आसान तरीके
(1)= किसी को एक क़ुरान पाक ले के दो वो जब भी पढ़ेगा आप को सवाब मिलेगा
(2)= एक व्हीलचेयर किसी हॉस्पिटल को दो जब भी कोई मरीज़ इस्तेमाल करेगा आप को सवाब
(3)= मस्जिद की तामीर में हिस्सा लो हमेशा का सवाब
(4)= किसी पब्लिक जगह वाटर कूलर लगा दो हर लम्हा सवाब
(5)= एक दरख़्त लगा दो उस के साये में कोई इंसान या जानवर बैठेगा या खायेगा तो आप को सवाब
(6)= अपनी औलाद को हाफिज.ए.क़ुरान बना दो जब वो पड़ेगा आप को सवाब
( 7)= सब से आसान ये है के ये बात दुसरो को बताओ किसी एक ने भी अमल किया तो आप को सवाब.

Allah ka imtahan in hindi

एक अमीर ईन्सान था।
उसने समुद्र मेँ अकेले
घूमने के लिए एक
नाव बनवाई।
छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र
की सेर करने निकला।

आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक
एक जोरदार
तुफान आया।

उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस
हो गई लेकिन वह
लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मेँ कूद
गया।

जब तूफान शांत हुआ तब वह
तैरता-तैरता एक टापू पर
पहुंचा
लेकिन वहाँ भी कोई नही था।
टापू के चारो और समुद्र के अलावा कुछ
भी नजर नही आ
रहा था।

उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने
पूरी जिदंगी मेँ
किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मेरे
साथ ऐसा क्यूँ
हुआ..?

उस ईन्सान को लगा कि खुदा ने मौत से
बचाया तो आगे
का रास्ता भी खुदा ही बताएगा।

धीरे-धीरे वह वहाँ पर उगे झाड-फल-पत्ते
खाकर दिन बिताने
लगा।

अब धीरे-धीरे उसकी आस टूटने लगी,
खुदा पर से
उसका यकीन उठने लगा।

फिर उसने सोचा कि अब
पूरी जिंदगी यही इस टापू पर
ही बितानी है तो क्यूँ ना एक
झोपडी बना लूँ ......?

फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से
एक
छोटी सी झोपडी बनाई।
उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी मेँ
सोने
को मिलेगा आज से बाहर
नही सोना पडेगा।

रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला
बिजलियाँ जोर जोर से कड़कने लगी.!
तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर
आ गिरी और
झोपडी धधकते हुए जलने लगी।

यह देखकर वह ईन्सान टूट गया।
आसमान
की तरफ देखकर
बोला
या खुदा ये तेरा कैसा इंसाफ है?
तूने मुज पर अपनी रहम की नजर क्यूँ नहीं की?

फीर वह ईन्सान हताश होकर सर पर हाथ
रखकर रो रहा था।

कि अचानक एक नाव टापू के पास आई।
नाव से उतरकर
दो आदमी बाहर आये

और बोले कि हम तुम्हे बचाने आये हैं।
दूर से इस वीरान टापू मे जलता हुआ
झोपडा देखा
तो लगा कि कोई उस टापू
पर मुसीबत मेँ है।

अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते
तो हमे
पता नही चलता कि टापू पर कोई है।

उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे।
उसने खुदा से माफी माँगी और
बोला कि "या रब मुझे
क्या पता कि तूने मुझे बचाने के लिए
मेरी झोपडी जलाई
थी।यक़ीनन तू अपने बन्दों का हमेशा ख्याल रखता है। तूने मेरे सब्र का इम्तेहान लिया लेकिन मैं उसका फ़ैल हो गया। मुझे माफ़ फरमा दे।"
==========================
moral -

दिन चाहे सुख के हों या दुख के,
खुदा अपने बन्दों के साथ हमेशा रहता हैं।

Tuesday 14 July 2015

Khana peene ki nasihat

हराम के लुकमे की सजा  👇

इन्सानके पेटमे जब हरामका लुकमा
पड़ता हे तब ज़मीनो आसमान का
हर फरिश्ता उस पर उस वकत तक
लानत करता हे जब तक वोह हराम
का लुकमा उसके पेटमे रहे ओर
अगर इसी हालतमे मर गया तो
उसका ठिकाना जहन्नम होगा

📚 -हवाला :- मुका-ष-फतुल कुलूब
         सफा : 10

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👇 नूरसे भरपूर सीना 👇

सरकारे दो आलम
{ सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम }
का इरशाद हे के

🔻🔻🔻

जो बंदा अपने खानेमे कमी करता हे
तो उसका सीना नूरसे माअमूर कर
दिया जाता हे

📚 -हवाला :- अल-जामेउल-सगीर
         सफा : 469

•┄─━━━━━━▣▣▣━━━━━━─┄•

👇 चार नसीहतें 👇

हज़रत सैयदना इब्राहिम बिनअदहम
फरमाते हे

🔻🔻🔻

में कोहे लबनान मे कई
औलिया-ऐ-किराम
[ रहमतुल्लाहि तआला अलैहि ]
की सोहबतमे रहा उनमे से हरएक ने
मुज़े यह वसीयतकी के जब लोगोमे
जाओतो इन चार बातो की नसीहत करना

🔻1🔻

जो पेट भरकर खाएगा उसे
इबादतकी लज़्ज़त नसीब नहीं होगी

🔻2🔻

जो ज़यादा सोएगा उसकी उम्रमे
बरकत न होगी

🔻3🔻

जो सिर्फ लोगोकी ख़ुशनूदी
चाहेगा वोह रज़ा-ऐ- इलाही से
मायूस हो जाएगा

🔻4🔻

जो ग़ीबत और फ़ुज़ूल गोई ज़यादा
करेगा वो दीने -इस्लाम पर नहीं मरेगा

📚 -हवाला :-मिन्हाजुल आबिदीन
         सफा : 107

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👇 बुरे खातिमे का खोफ 👇

यह हकीकत हे के डटकर खानेसे

🔻1🔻

पेट भारी हो जाता हे

🔻2🔻

आअजा ढीले पड़ जाते हे

🔻3🔻

बदन सुस्त हो जाता हे

🔻4🔻

इबादतमे दिल जमई नसीब
नहीं होती

🔺🔺🔺

इसका तजुर्बा माहे रमज़ानुल
मुबारकमे बहुत लोगोको होता हे

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👇 दीनका गिलाफ 👇

हज़रत सैयदना हामिद लफ्फाफ़
[ रहमतुल्लाहि तआला अलयहे ]
फरमाते हे के

🔻1🔻

ज़रूरतसे ज़यादा बाते करनेसे बचो

🔻2🔻

लोगोसे बे-ज़रूरत मेल-जोल न रखो

🔻3🔻

ज़रूरतसे ज़यादा खाना न खाओ

•┄─━━━━━━▣▣▣━━━━━━─┄•

Tuesday 7 July 2015

Sunahri quetes hindi

🌼🍂🍂 सुनहरी बातें 🍂🍂🌼

जानवर में अक्ल और फरिश्ते में ख़्वाहीश नहीं होती, मगर इंसान में दोनों होती है

अगर वो अक्ल को दबा दे तो जानवर और अगर ख़्वाहीश को दबा दे तो फरिश्ता

इंसान बुजदिल इतना है कि सोते हुए ख़्वाब में भी डर जाता है, और बेवकूफ इतना कि जागते हुए भी अपने रब से नहीं डरता

दुनिया नसीब से मिलती है और आख़िरत मेहनत से, मगर आज हमारी सारी मेहनत दुनिया के लिए है और आख़िरत को हमने नसीब पर छोड़ दिया है
الَـــــــــــــــــــــــبْــــــــــــــــــــــــلاغْ
۔     🌱★♡↭♡★🌱
एक औरत अपने घर से बाहर
निकली तो देखा कि तीन
नूरानी सूरत
बुज़ुर्ग उसके घर के बाहर बैठे थे ।
उस औरत ने
कहा कि मैँ आप
को जानती तो नहीं लेकिन
आप लोग परदेसी लगते हो इसलिए
आप लोग
अंदर आ जाऐं और कुछ खा लें । उन
बुज़ुर्गों ने
कहा क्या तुम्हारा शौहर घर में
है ? औरत ने
जवाब दिया नहीं वो घर पर
नहीं है। ये सुन
कर एक बोला तब हम तुम्हारे घर
नहीं आ
सकते ।
शाम को जब उसका शौहर घर
आया तो उसने
सारा माजरा सुनाया । शौहर ने
कहा कि जाओ अब उन्हें अंदर
बुला लो ।
वो बाहर गई और उनको अंदर आने
की दावत
दी । इन में से एक बुज़ुर्ग ने
कहा कि हम
इकट्ठे किसी के घर नहीं जाते हम में
से सिर्फ़
एक जाता है । ये फ़ैसला तुम
लोगों को करना है कि किसको घर
बुलाना चाहते हैं । हम में से एक
का नाम
दौलत है दूसरे का नाम
कामयाबी और तीसरे
का नाम मुहब्बत है।
औरत अंदर गई और घर वालों से
मश्वरा किया ख़ाविँद ने ख़ुश
हो कर
कहा कि दौलत को घर बुलालो ,
लेकिन औरत
ने
कहा कि नहीं कामयाबी को बुलाते
हैं घर
में उनकी बूढ़ी माँ भी मौजूद
थी उसने
कहा मेरा मश्वरा मानो तो मुहब्बत
को बुलालो , दोनों ने इस पर
इत्तिफ़ाक़
किया और औरत ने बाहर जाकर
उनसे
कहा कि हम चाहते हैं कि मुहब्बत
हमारे घर
आ जाए , चुनांचे मुहब्बत
नामी बुज़ुर्ग उनके
घर जाने के लिए उठे और उसके साथ
ही दौलत
और कामयाबी भी उठ कर घर में
दाख़िल
हो गए , शौहर ने हैरान होकर
पूछा कि आप
तो कह रहे थे कि हम तीनों इकट्ठे
किसी के
घर नहीं जाते? लेकिन अब आप
तीनों कैसे आ
गए? तो उनमें से एक ने जवाब
दिया कि अगर
आप हम में से दौलत
या कामयाबी को बुलाते
तो वो अकेला ही आता लेकिन आप ने
मुहब्बत
को दावत दी है और जहां मुहब्बत
जाये
वहां हम भी इसके पीछे पीछे जाते
हैं .
अल्लाह पाक हर दिल मेँ हर घर मेँ
मुहब्बत
का चिराग़ जलाये....
आमीन
दोस्तो ये मैसेज रुकना नही चाहिए शेयर ज़रुर कर ْ
▍ْ▔▔▔▔▔▔▔▔

Pehli muharram ka asardar wazifa rozi me barkat ka

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