Saturday 11 July 2015

Nasihat

एक औरत अपने घर से बाहर..
निकली तो देखा कि तीन नूरानी सूरत बुज़ुर्ग उसके घर के बाहर बैठे थे ।उस औरत ने
कहा कि मैँ आपको जानती तो नहीं लेकिनआप लोग परदेसी लगते हो इसलिए
आप लोगअंदर आ जाऐं और कुछ खा लें । उनबुज़ुर्गों नेकहा क्या तुम्हारा शौहर घर में
है ? औरत नेजवाब दिया नहीं वो घर परनहीं है। ये सुनकर एक बोला तब हम तुम्हारे घरनहीं आसकते ।शाम को जब उसका शौहर घरआया तो उसनेसारा माजरा सुनाया । शौहर नेकहा कि जाओ अब उन्हें अंदरबुला लो ।वो बाहर गई और उनको अंदर आनेकी दावतदी । इन में से एक बुज़ुर्ग नेकहा कि हमइकट्ठे किसी के घर नहीं जाते हम में
से सिर्फ़एक जाता है । ये फ़ैसला तुमलोगों को करना है कि किसको घरबुलाना चाहते हैं । हम में से एकका नामदौलत है दूसरे का नामकामयाबी और तीसरेका नाम मुहब्बत है।औरत अंदर गई और घर वालों सेमश्वरा किया ख़ाविँद ने ख़ुशहो करकहा कि दौलत को घर बुलालो ,लेकिन औरतनेकहा कि नहीं कामयाबी को बुलातेहैं घरमें उनकी बूढ़ी माँ भी मौजूदथी उसनेकहा मेरा मश्वरा मानो तो मुहब्बतको बुलालो , दोनों ने इस पर
इत्तिफ़ाक़किया और औरत ने बाहर जाकरउनसेकहा कि हम चाहते हैं कि मुहब्बतहमारे घरआ जाए , चुनांचे मुहब्बतनामी बुज़ुर्ग उनकेघर जाने के लिए उठे और उसके साथ
ही दौलतऔर कामयाबी भी उठ कर घर मेंदाख़िलहो गए , शौहर ने हैरान होकर
पूछा कि आपतो कह रहे थे कि हम तीनों इकट्ठेकिसी केघर नहीं जाते? लेकिन अब आपतीनों कैसे आगए? तो उनमें से एक ने जवाबदिया कि अगर
आप हम में से दौलतया कामयाबी को बुलातेतो वो अकेला ही आता लेकिन आप ने
मुहब्बतको दावत दी है और जहां मुहब्बतजायेवहां हम भी इसके पीछे पीछे जाते
हैं .अल्लाह पाक हर दिल मेँ हर घर मेँमुहब्बतका चिराग़ जलाये....
आमीन

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