Tuesday 7 July 2015

Hazrat umar

हज़रत उमर फारुख रजि यल्लाहू अन्हु ने कुरआन शरीफ की
आयत सुन कर इस्लाम कुबूल किया और ऐसा कुबूल किया
की हमारे आका ने आपके बारे में फ़रमाया की अगर
नुबुव्वत का दरवाज़ा बंद ना हुआ होता तो मेरे बाद
अगर कोई नबी होता तो उमर होते (सुब्हानअल्लाह).
आप तीर और तलवार लेकर एलानिया हिजरत करने वाले
सहाबी-ए-रसूल थे. आपके वालिद का नाम ख़त्ताब
बिन नुफैल व वालिदा का नाम हन्तिमा था. आपके
अहेद में बीस रकात तरावीह ब जमात शुरू हुई।
आपकी शहादत हालाते नमाज़े फजर में हुई. आप रौजा-
ए-रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम में हज़रत अबू बक्र
सिद्दीक के पहलु में दफ्न हुए. जिसकी इज़ाज़त हज़रत
आइशा सिद्दीक़ा बिंते सिद्दीक़ (रदि अल्लाहु
तआला अन्हा) ने दी। आपकी वफ़ात 63 साल कि उम्र
में हुई। आपके अहदे में 4 हज़ार मस्जिदे नमाज़े पंचगाना के
लिए और 9 जामा मस्जिदे तामीर हुई।
बैतुल्माल आप ने कायम फ़रमाया। सबसे पहले आपने
शराबी की सज़ा हद जारी की। आपसे लगभग 539
हदीसे मरवी है। हुजुर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने आपको
फारुखे आज़म का ख़िताब अता फ़रमाया है।
आपने सबसे पहले एलानिया खाना-ए-काबा में नमाज़
पढ़ी। आप ने आका सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के फैसले
को तस्लीम ना करने वाले बिशर नामी मुनाफ़िक का
सर क़लम फ़रमाया था। फज्र की अज़ान में अस्सलातो
खैरुम्मिनन्नौम का इजाफा आप की ही ख्वाहिश पर
हुआ था।नमाज़ के लिए अज़ान का मशवरा सबसे पहले
आप ने ही पेश की। आप ऐसे सहाबी गुजरे जो खलीफा
होते हुए भी फटा हुआ कुर्ता और फटा हुआ अमामा
इस्तेमाल फरमाते थे। बैतूल मुक़द्दस में दाखिले के वक़्त
आपके कुर्ते में 14 पेवंद लगे थे। आपने आधी दुनिया में
बादशाही की। आप हज़रत फ़ारुखे आजम रात में भेस बदल
कर अपनी रिआया के हालात मालूम किया करते थे।
(सुब्हानाल्लाह)
आप इतने ताकतवर,बहादुर सहाबी थे की शैतान भी
आपसे दूर भागता, आप जिस रास्ते से गुजरते शैतान उस
रस्ते से भाग जाता।
सुब्हानाल्लाह सुब्हा

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