- इसलाम धर्म से बढ़कर और कोई धर्म नहीं
इसे आखिर तक पडे………
हुजुर पाक "सल्लाहो अलैही वसल्लम " ने फरमाया के ए अलि "रजि. ता. अल्हा" रात को रोजाना पांच काम करके सोया करो……………………|
1. 400 दिनार सदका देकर सोया करो……………………|
2. एक कुरआन पाक पड़कर सोया करो…………………|
3. जन्नत की कीमत देकर सोया करो……………………|
4. दो लड़ने वालो मे सुल्हे कराके सोया करो……………………|
5. एक हज करके सोया करो……………………|
…………………
हजरत अली रजि. ता. अल्हा. ने फरमाया के रसुल ये तो मेरे लिये बहुत मुश्किल हे !
तो हमारे आका ने फरमाया ??
…………………………………
1. ए अली चार मर्तबा सूरहे फातहा "अल्हम्दो शरीफ़" पडकर सोया करो | इसका सवाब 400 दिनार सदका देने के बराबर हे …|
🌿 2. तीन मर्तबा "कुल होव्ल्लाहो अहद" पडकर सोया करो | इसका सवाब कुरआन पड़ने के बराबर हे …|
3. दस मर्तबा "दुरुद शरीफ़" पड़कर सोया करो | इसका सवाब जन्नत की किमत अदा करने के बराबर होगा…|
4. दस मर्तबा "तोबा अस्तयफ़ार" पड़ कर सोया करो | इसका सवाब दो लड़ने वालो के दरमियान सुल्ह कराने के बराबर होगा…|
🌲 5. चार मर्तबा "तीसरा कलमा" पड़कर सोया करो | इसका सवाब एक हज के बराबर होगा ……|
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इस पर आप हजरत अली रजि. ता. अल्हा. ने फरमाया ए मेरे आका ये अमल तो अब रोज रात को पड़कर ही सोया करूँगा………
🌲अल्लाह तआला हम सबको यह अमल रोज रात मे पड़कर सोने की तोफिक अता फरमाये |
{आमीन-अल्लाहुम्मा-आमीन}
ाज पडे इससे पहले की लोग आपकी नमाज पड़ ले🌲
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