मत पूछिये मुसलमान का हाल..
मस्ज़िदों के लिए सर कटाने को तैयार है..
मगर मस्ज़िद में सर झुकाने को तैयार नहीं।
कहते है कुछ लोग मेरे रग-रग में है नबी नबी
लेकिन पढ़ते है नमाज हफ्ते में कभी-कभी
नबी का नाम सुनते ही झूम जाते है
नबी का हुक्म सुनते ही घूम जाते है!
A SILENT MESSAGE TO ALL MUSLIMS
सर एक कप दूध मिलेगा क्या ??
6 माह के बच्चे की माँ ने 3 स्टार
होटल मैनेजर से पूछा.....!!
.
.
मैनेजर "हाँ, 100 रू.मेँ मिलेगा".......!!
"ठीक ...है दे दो" महिला ने कहा.....
जो पिकनिक के दौरान इस होटल मेँ
ठहरी, सुबह जब गाड़ी मे जा रहे थे
तो बच्चे को फिर भूख लगी,
गाडी को टूटी झोपड़ी वाली पुरानी सी चाय
की दुकान पर रोका…… बच्चे को दूध
पिला कर शांत किया.........!
दूध के पैसे पूछने पर बूढा दुकान मालिक
बोला - "बेटी हम बच्चे के दूध
के पैसे नहीं लेते, यदि रास्ते के लिए
चाहिए तो लेती जाओ!
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"बच्चे की माँ के दिमाग मे एक सवाल
बार बार घूम रहा था कि अमीर
कौन ??
3 स्टार होटल वाला,
या
टूटी झोपड़ी वाला ??
मिली थी जिन्दगी
किसी के 'काम' आने के लिए..
पर वक्त बित रहा है
कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'
और ये मौत के फ़रिश्ते तो
'रिश्वत' भी नही लेते..
यदी पसन्द आए तो आगे भेजे
शुलगते दसत मे बरफीले मौसम को
उठा लाते,,
भीगो के नुर के पानी मे शबनम को
उठा लाते,,
हुसैन इबनै अली की प्यास एक राज
थी वरना,,
फरिश्ते खाना ए काबा से जम जम
को उठालाते,,
Shab-e-barat kareeb he
ऐ इन्सान
अल्लाह ने तेरे जैसे ना जाने कितने मिट्टी से बना कर मिट्टी में मिला दिए
अल्लाह हर गुनाहों की माफी माँगने पर माफ कर देता है सिवाय गीबत और चुगली पर
अल्लाह तब तक माफ नही फरमाता जब तक इन्सान खुद उस से माफी ना माँगे जिस की गीबत की है
ये एक ऐसा गुनाह है जिसकी वजह से लोग कट कट कर जहन्नम में फैंके जाऐगें
प्लीज :- मुझे माफ कर देना अगर जाने अनजाने में मुझ से आप की गीबत हो गयी हो
ओर हो सके तो ये मैसिज़ सब को भेजो
ये सोच कर की आप को माफी माँगने का मौका मिला
प्लीज :- आज किसी को ये मैसेज करना
आप को अन्दाजा भी नही होगा की आपकी वजह से कितने लोग अल्लाह से तौबा कर लेंगे...
एक अजीब वाकिया......
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एक साहब ने तोता पाल रखा था ।
और उस से बङी महब्बत करते थे ।
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एक दिन एक बिल्ली उस तोते पर झपटी और
तोता उठा कर ले गई ।
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वो साहब रोने लगे....तो लोगो ने कहा :
जनाब !आप क्यों रोते हो ?
हम आपको दूसरा तोता ला देते हैं ।
.
वो साहब बोले : मैं तौते की जुदाई पर नही रो
रहा हूं ।
पूछा गया : फिर क्यों रो रहे हो ??
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कहने लगे : दर अस्ल बात ये है कि मैं ने उस तोते को
कालिमा शरीफ सिखा रखा था ,
वो सारा दिन कालिमा शरीफ पढता रहता
था ।
.
आज जब बिल्ली उस पर झपटी तो वो कालिमा
शरीफ भूल गया और टाएं टाएं करने लगा ।
.
अब मुझे ये फिक्र खाए जा रही है कि कालिमा
शरीफ तो मैं भी पढता हूँ ,
लेकिन जब मौत का फरिश्ता मुझ पर झपटेगा ,
न मालूम मेरी जबान से कालिमा शरीफ
निकलेगा या तोते की तरह टाएं टाएं
निकलेगी... !!!
ﺍﻟﻠﮧ ﺍﮐﺐ
मैं मर जाऊँ तो
सिर्फ मेरी इतनी
पहचान लिख देना
मेरे खून से मेरे माथे पर
"इस्लाम " लिख देना
कोई पूछे तुमसे जन्नत के बारे में
तो एक कागज के टुकड़े में
"मुसलमान`` लिख देना
ना दौलत पर गुमान करते है,
ना शोहरत पर गुमान करते है,
किया अल्लाह ने मूसलमान के घर पैदा,
इसलिये अपनी किस्मत पर
गुमान करते है|
दे दी अजान मस्जिदों में हमने
"हय्या अल्स'सल्लाह" !
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...और लिख दिया बाहर बोर्ड पर,
अन्दर न आये "फला और फला" !
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ख़ौफ़ होता है शैतान को भी
आज का मुसलमान देख कर...
नमाज़ भी पढता है तो मस्जिद
का नाम देख कर.....
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मुसलमानो के हर फिरके ने
एक दूसरे को काफिर कहा...
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एक काफिर ही है जो उसने हम सबको मुसलमान कहा......
पढ़े और ग़ौर करें
एक मरतबा हज़रत मूसा अलैहीस्सलाम ने अल्लाह से पूछा : ऐ अल्लाह..जब तू ख़ुश होता है तो क्या करता है..?
रब्बे कायनात ने फरमाया : मैं उस दिन बारिश बरसाता हूँ ।
मूसा अलैहीस्सलाम ने फिर पूछा - ऐ अल्लाह..जब तू ज़्यादा ख़ुश होता है तो क्या करता है..?
अल्लाह तआला इर्शाद फरमाता है मैं उस दिन ज़मीन पर बेटियों को पैदा करता हूँ ।
हज़रत मूसा अलैहीस्सलाम ने फिर पूछा - ऐ अल्लाह..जब तू सबसे ज़्यादा ख़ुश होता है तब क्या करता है..?
बारी तआला ने इर्शाद फरमाया : मैं उस दिन लोगों के घर मेहमान भेजता हूँ ।
सुभानअल्लाह
और आज अल्लाह की यही नेमतें ऐसी हैं , जो इन्सान से बर्दाश्त नहीं होतीं ।
1- बेटी
2- बारिश
3- मेहमान
बहुत प्यारा msg है अपने दोस्तों को ज़रूर सेंड करे
अल्लाह ने अपने बन्दों पे नेमते की जिनमे ऐ तीन है
१ अनाज में कीड़े पैदा कर दिये वर्ना लोग इसे सोने और चाँदी की तरह ज़खीरा कर लेते और लोग भूखे मर जाते
२ मौत के बाद मुर्दे के जिस्म में बदबू पैदा की वरना लोग अपने प्यारो को दफन ना करते
३ मुसीबत के बाद सबर और सकून दिया वरना ज़िन्दगी कभी खुशगवार ना होती
क़ुरान पाक को सुनने से कैंसर नहीं होता बल्की कैंसर अगर हो तो वो भी मर जाता है
नमाज़ में लम्बे सजदे करने से ज़ेहन तेज़ होता है
और सर दर्द और बाल गिरने से बचाता है
तशहूद के दौरान ऊँगली उठाने से दिल मज़बूत होता है
वो कौन सा पानी हे जो क़यामत के रोज़ नेकियों के साथ तराज़ू में रखा जायेगा
वज़ू का पानी
अगर आप किसी को बता देंगे तो ये सदक़ा ऐ जरिया होगा
पीज़ किसी एक को जरूर सेंड करे
अल्लाह पाक हमें कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाये
सुम्मा आमीन